Rajasthan ke Pramukh Granth - राजस्थान के प्रमुख ग्रंथ PDF

राजस्थान के प्रमुख ग्रंथ

Rajasthan ke Pramukh Granth - राजस्थान के प्रमुख ग्रंथ
Rajasthan ke Pramukh Granth - राजस्थान के प्रमुख ग्रंथ

पृथ्वीराज रासौ - कवि चंद बरदाई


  • चन्द बरदाई दिल्ली के अन्तिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान का दरबारी कवि था ।
  • इस ग्रन्थ में अजमेर के अन्तिम चौहान सम्राट पृथ्वीराज चौहान तृतीय के जीवन चरित्र एवं युद्धों का वर्णन है । 
  • पृथ्वीराज रासौ पिंगल में रचित वीर रस का महाकाव्य है । 
  • पृथ्वीराज रासौ ढाईं हजार पृष्ठों का वृहद ग्रन्थ है ।
  • इसके उत्तरार्द्ध की रचना चन्दबादाई के पुत्र जल्हण/जयानक ने की थी ।

पृथ्वीराज विजय - जयनायक

  • इसमें पृथ्वीराज चौहान के वंशक्रम एवं उपलब्धियों का वर्णन है ।

पद्मावत - मलिक मोहम्मद जायसी

  • इसकी रचना लगभग 1543 ईं. में की गई 
  • पद्मावत में अलाउद्दीन खिलजी एवं रतनसिंह के माध्य हुए युध्द ( 1301 ई० ) का वर्णन है ।

विजयपाल रासौ - नल्लसिंह

  • यह ग्रन्थ पिंगल भाषा में है ।
  • इसमें विजयगढ (करौली) के यदुवंशी राजा विजयपाल की दिग्विजय का वर्णन है ।

वचनिका राठौड़ रतन सिंह महेसदासोतरी - जग्गा खिडिया

  • यह ग्रन्थ डिंगल भाषा में है ।
  • इसमें जोधपुर महाराजा जंसवत सिंह मुगल सम्राट शाहजहां के विद्रोही उत्तर औरंगजेब व मुराद की संयुक्त सेना के बीच धरमत के युद्ध का वर्णन है ।

वेलि किसन रूकमणि री - पृथ्वीराज राठौड़

  • पृथ्वीराज राठौड पीथल नाम से रचना करते थे ।
  • पृथ्वीराज राठौड़ बीकानेर रायसिंह के छोटे भाई थे ।
  • दूरसा आढा ने वेलि किसन रूकमणि री ग्रन्थ को पांचवा वेद कहा है ।

विरूद छतहरी, किरतार बावनौ कवि दूरसा आढा

  • दुरसा आढा अकबर के दरबारी कवि थे ।
  • दुरसा आढा की पीतल की मूर्ति अचलगढ के अचलेश्वर मंदिर में विद्यमान है ।
  • विरूद छतहरी में महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा है ।
  • किरतार बावनौ में उस समय की समाजिक एवं आर्थिक स्थिति का वर्णन है ।

अजीतोदय जगजीवन भट्ट

  • अजीतोदय नामक ग्रन्थ ' संस्कृत ' भाषा में है ।
  • महाराजा जसवंत सिंह व अजीत सिंह के मुगल संबधों का वर्णन है ।

आईने अकबरी और अकबर नामा - अबुल फजल

  • अबुल फजल अकबर के नव रत्वों में से एक था ।
  • आईने अकबरी अकबर की जीवनी है ।
  • अकबर नामा में तैमूर से हुमायूं तक के वंश का इतिहास दिया हुआ है
  • अबुल फजल द्वारा लिखे राये अकबर को पत्रों के कारण वह रूक्कत ए अबुल फजल कहलाता है ।

कनक सुंदरी/केसर विलास - शिव चन्द भरतिया

  • शिव चन्द भरतिया को आधुनिक राजस्थानी उपन्यास साहित्य का प्रवर्तक माना जाता है ।
  • कनक सुन्दरी को राजस्थानी भाषा का प्रथम उपन्यास माना जाता है ।

अचलदास खीची री वचनिका - शिव दास गाडण


  • इसकी रचना डिंगल भाषा में हुई ।
  • इस ग्रन्थ में माण्डू के सुल्तान हौशंगशाह एवं गागरौन के शासक अचलदास खीची के मध्य हुए युध्द ( 1423 ) का वर्णन है ।

वंश भास्कर सूर्यमल्ल मिश्रण

  • 'वंश भास्कर' बूंदी राज्य का पद्यात्मक इतिहास है  
  • वीर रस के कवियों में सूर्य मल्ल के टक्कर का दूसरा कवि नहीं है ।
  • वंश भास्कर को पूर्ण करने का कार्य इनके दत्तक पुत्र मुरारीदान ने किया था ।
  • सूर्यंमल्ल स्वतंत्रता प्रेमी व वीर रस के प्रेमी होने के कारण वीर रसावतार कहलाये ।

'वीर विनोद - कविराज श्यामलदास दधिवाडिया

  • वीर विनोद ग्रन्थ चार खण्डों में रचित है । वीर विनोद नामक रचित ग्रन्थ को ब्रिटिश सरकार द्वारा केसर -ए-हिन्द की उपाधि प्रदान की गई ।
  • मेवाड़ के महाराणा सज्जन सिंह ने श्यामलदास को कविराज एवं 'महामहोपाध्याय' की उपाधि प्रदान की 

चेतावनी रा चुगटिया केसरीसिंह बारहठ

  • इस ग्रन्थ मे रचित दोहों के माध्यम से केसरी सिंह बारहठ ने मेवाड के स्वाभिमानी महाराज फतेहसिंह को 1903 ईं. के दिल्ली दरबार में जाने से रोका था ।

वीर सतसई - सूर्यंमल्ल मिश्रण

  • इस ग्रन्थ में सूर्यंमल्ल मिश्रण ने 1857 की घटनाओं को व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत किया था ।

रूकमणी हरण, नागदमण - सायांजी झूला

  • सायांजी ने डिंगल भाषा में इसकी रचना की ।
  • सायांजी ईंडर नरेश राव कल्याणमल के आश्रित कवि थे ये श्रीकृष्ण के भक्त थे ।

राव जैतसी रो छंद - बीठू सूजाजी

  • डिंगल भाषा के इस ग्रन्थ की रचना में बाबर के पुत्र कामरान व बीकानेर नरेश राव जैतसी के मध्य हुए युद्ध का वर्णन है ।

रणमल छंद - श्रीधर व्यास

  • इसमें पाटन के सूबेदार जफर खाँ व ईंडर के राठौड़ राजा रणमल के युद्ध का वर्णन है ।

शारंगधर संहिता - शारंगधर

  • यह संस्कृत भाषा का प्रसिद्ध आयुर्वेदिक ग्रन्थ है । 

बीसलदेव रासौ - नरपति नाल्ह

  • इस ग्रन्थ में अजमेर के चौहान शासक वीसलदेव (विग्रहराज चतुर्थ) एवं उनकी रानी राजमती की प्रेम गाथा का वर्णन है ।

राजस्थान के रणबांकुरे - राजेद्र सिंह राठौड़

  • इस पुस्तक में कारगिल युद्ध में वीरता का परिचय देने वाले राजस्थान के 92 शहीदों का वर्णन किया गया है ।

बिहारी सतसई - महाकवि बिहारी

  • बिहारी का जन्म मध्यप्रदेश में हुआ था । बिहारी जयपुर नरेश मिर्जाराजा जयसिंह के दरबारी कवि थे 
  • इस ग्रन्थ की रचना बिहारी ने ब्रज भाषा में की थी
  • बिहारी सतसई में कूल 713 दोहे है ।

बांकीदास री ख्यात - बांकीदास

  • बांकीदास जोधपुर के महाराजा मानसिंह के काव्य गुरू थे ।

कुवलयमाला - उद्योतनसूरी

  • उद्योतन सूरी ने इस ग्रन्थ की रचना जालौर में की थी ।

प्राचीन लिपिमाला, राजपूताने का इतिहास - गोरीशंकर ओझा

  • पं. गौरीशंकर ने हिन्दी में सर्वप्रथम भारत लिपि का शास्त्र लेखन कर अपना नाम गिनीज बुक में लिखवाया ।

 हम्मीर महाकाव्य - नयनचन्द्र सूरी

  • सूरी ने इस ग्रन्थ की रचना संस्कृत भाषा में की थी । हम्मीर महाकाव्य में रणथम्भौर के चौहान शासकों का वर्णन है ।

दयालदास री ख्यात - दयालदास सिढायच

  • इसमें बीकानेर व जोधपुर के राठौड़ के इतिहास का वर्णन है।
  • दयालदास री ख्यात दो खण्डों में विभाजित है ।

हम्मीर रासौ - शारंगधर (जोधराज)

  • इस काव्य ग्रन्थ मे रणथम्भौर शासक हम्मीर चौहान की वंशावली व अलाउद्दीन खिलजी के साथ युद्ध एवं उनकी वीरता का वर्णन है ।
  • यह संस्कृत भाषा में है ।

ढोला मारू रा दूहा कवि कल्लोल

  • कवि कल्लोल ने इसकी रचना डिंगल भाषा मे की थी । इस ग्रन्थ मे ढोला एवं मरवण के प्रेमाख्यान का वर्णन है ।

गजगुणरूपक/गुणरूपक - केशवदास गाडण

  • इसमें जोधपुर के महाराजा गजराज सिंह के राज्यवैभव एवं युद्धों का वर्णन है ।

सूरज प्रकाश - कविया करणीदान

  • ' सूरज प्रकाश ‘ में जोधपुर के राठोड वंश के प्रारम्भ से लेकर महाराजा अभयसिंह के समय की घटनाओं का वर्णन है ।

भरतेश्वर बाहुबलि घोर - वज्रसैन सूरी

  • यह घोर राजस्थानी भाषा का प्राचीनतम ग्रन्थ है । 

मुहणोत/मूता नैणसी री ख्यात/ मारवाड़ रा परगना री विगत मुहणौत नैणसी

  • मुंशी देवी प्रसाद ने मुहणौत नैणसी को जसवंतसिंह-प्रथम का दीवान बताया है ।
  • मुंशी देवी प्रसाद ने नैणसी को राजपूताने का अबुल फजल कहा 
  • मारवाड़ रा परगना री विगत को 'राजस्थान का गजेटियर कहा जाता है ।
  • नेणसी री ख्यात उत्तर-मध्य युगीन राजस्थानी भाषा में लिखी गई ख्यात है ।


राजरूपक - बीरभाण

  • यह डिंगल भाषा का ग्रन्थ है ।
  • राजरूपक में महाराणा अभयसिंह और गुजरात के सूबेदार शेर विलन्द खाँ के युद्ध का वर्णन है ।
  1. तारीख-उल-हिन्द - अलबरुनी

तारीख-ए-यामिनी - अलउतबी

  • मुहम्मद गजनबी के राजपूतों के साथ हुए संघर्षो की जानकारी प्राप्त होती है ।

तारीख-ए-अलाईं/ख़जाईंनुल-फुतुह - अमीर खुसरो

  • इस ग्रन्थ में अलाउद्दीन खिलजी एवं मेवाड के राणा रतनसिंह के युद्ध एवं सती प्रथा का वर्णन किया गया है । 

तारीख-ए-शेरशाही - अब्बास खाँ सरवानी

  • इस ग्रन्थ में सुमेल गिरी युद्ध (शेरशाह द्वितीय एवं जोधपुर के राव मालदेव के मध्य) का वर्णन किया गया है
  • अब्बास खाँ सरवानी युद्ध के समय शेरशाह की सेना में मौजूद था

Rajasthan ke Pramukh Granth - राजस्थान के प्रमुख ग्रंथ

  1. तारीख ए फिरोजशाही - जियाउद्दीन बरनी
  2. तारीख ए फरिश्ता - मुहम्मद कासिम फरिश्ता
  3. तुजुक ए जहाँगीर - मुगल सम्राट जहाँगीर
  4. हुमायूँनामा - गुलबदंन बेगम
  5. सफीनत उल औलिया - दारा शिकोह
  6. ताज उल नासिर - हसन निजामी
  7. मुन्तखाब उल तारीख - अब्दुल कादिर बदायूँनी
  8. नासिर ए जहाँगीरी - कामगार हुसैन
  9. तबकात ए अकबरी - निजामुद्दीन बख्शी
  10. नासिर ए आलमगिरी - मुहम्मद साकी
  11. आलमगीर नामा - मुहम्मद काजिम
  12. रूक्कात ए आलमगिरी - सम्राट औरंगजेब
  13. इकबाल नामा - मुहम्मद खान
  14. पादशाह नामा - अब्दुल हमीद लाहौरी
  15. तवारिख ए अल्फी - मुल्ला दाउद
  16. तारीख ए मुबारकशाही - अहमद अब्दुल्ला सरहिंदी
  17. तारीख़ ए नासिरी - मिनहाजउद्दीन
  18. फुतुहा ए आलमगिरी - ईश्वर दास नागर
  19. शाहजहांनामा -  इनायत खाँ
  20. गुलिस्तां - शेख सादी
  21. कान्हड़दे प्रबंध - पद्मनाभ
  22. गंगा लहरी - पृथ्वीराज राठौड
  23. वैराग्य सागर - ऩागरीदास
  24. रूठी रानी - केसरी सिंह बारहठ
  25. राव जैतसी रो छंद - वीठू सूजा जी 
  26. हालां झाला री कुण्डलियाँ - ईसरदास बारहठ 
  27. बेलि किसण रूकमणि री - राठौड पृथ्वीराज
  28. सेनाणी व चंवरी - मेघराज मुकुल 
  29. लीलटांस - कन्हैयालाल सेठिया 
  30. सती रासौ - सूर्यमल्ल मिश्रण 
  31. खुमाण रासौ - दलपत विजय 
  32. राम रासौ - माधोदास दधवाडिया (चारण) 
  33. विजयपाल रासौ - नल्ल सिंह
  34. हूँ गोरी किव पींव री - यादवेन्द्र शर्मा चन्द्र
  35. पातल व पीथल - कन्हैयालाल सेठिया
  36. ढोला मारवण री चौपाईं - कुंशललाभ
  37. राजस्थानी कहावतां - मुरलीधर व्यास
  38. पगफैरो - मणि मधुकर
  39. बुद्धि सागर - जानकवि
  40. सूरज प्रकाश - करणीदान
  41. पाबूजी रा छंद और गोगाजी रसावला - बीठु मेहा
  42. नरसी जी रो मायरौ - रतना खाती
  43. राजिया रा सोरठा - कृपाराम 
  44. मैकली काया मुट्ठकती धरती - अन्नाराम सुदामा
  45. अमरकाव्य - अमरदान लालस
  46. प्रबन्ध चिन्तामणि - मेरूतुंग
  47. राज बल्लभ - मंडन
  48. एकलिंग महाकाव्य - महाराणा कुंभा
  49. प्रबन्ध चिन्तामणि - मेरूतंग
  50. भारतेश्वर बाहुबलि घोर - वज्रसेन सूरी
  51. भारतेश्वर बाहुबलि रास - शालिभद्र सूरी
  52. प्रबंध कोष - राजशेखर
  53. अमर काव्यम् वंशावली - रण्छोड़ भट्ट
  54. अमरासार -  पं. जीवधार
  55. राज रत्नाकर व राजविनोद - भट्ट सदाशिव
  56. पार्श्वनाथ चरित्र - श्रीधर
  57. ढोला मरवण चड़पडी - कवि हरराज
  58. रेवन्तगिरी रास - विजयसेन सूरी
  59. चर्चरी - जिनदत्त सूरी
  60. बुद्धिरासौ - जानकवि/जल्ल
  • यह पंचतन्त्र पर आधारित ग्रन्थ है ।
  1. शत्रुसाल रासौ - डूंगर जी
  2. राणा रासौ - दयाल (दयाराम)
  3. बिडद सिण्गार - करणीदान
  4. डिंगल कोष - मुरारीदान
  5. ढोला वल्स रचित - कवि भीम
  6. राज प्रकाश - किशोर दास
  7. गुण गोविंद - कल्याण दास
  8. भाषा भूषण - जसवंत सिंह
  9. विरूद छहत्तरी - दुरसा ओढा
  10. दशम भागवत रां दूहा - राठौड़ पृथ्वीराज
  11. रांव अमर सिंहजी रां दूहा -  केशवदास
  12. बीरभायण - बादर (बहादर) ढाढी
  13. मिनाथ बारहमासा - पल्हण
  14. मलय सुंदरी कथा - मांणक्य सुंदर
  15. पृथ्वीराज वाग्विलास - मांणक्य सुंदर
  16. बातां री फुलवारी - विजयदान देथा
  17. वाणी व सरवंगी - रज्जब जी
  18. सुधि सपनों के तीर - मणि मधुकर
  19. सगत रासौ -  गिरधर आसिया
  20. हरिकेलि नाटक - विग्रहराज चतुर्थ
  21. आर्ष रामायण - साहिबुद्दीन, मनोहर
  22. धरती धौराँ री - कन्हैयालाल सेठिया
  23. सबद - कन्हैयालाल सेठिया
  24. निग्रंथ - कन्हैयालाल सेठिया
  25. प्रलय प्रतीक्षा नमो नम: - हीरालाल शास्त्री
  26. प्रत्यक्ष जीवन शास्त्र - हीरालाल शास्त्री
  27. जो देश के लिए जिए - शंकर सहाय सक्सेना
  28. आलभो जड आन्धे ने - अन्नाराम सुदामा
  29. राजस्थानी शब्दकोष - सीताराम लालस
  30. टाबराँ री बातां - लक्ष्म कुमारी चूड़ावत
  31. what are Indian states - विजयसिंह पथिक 
  32. हंसावली - असाईंत
  33. अमरसार - पं. जीवाधर
  34. राग चंद्रिका - भट्ट द्वारकानाथ
  35. सुर्जन चरित्र - कवि चन्द्र शेखर
  36. जयसिंह कारिका - सवाई जयसिंह

  • यह ज्योतिष ग्रन्थ है ।
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