शाहजहां 1628 से 1658 तक
Shahjahan ki History in Hindi | शाहजहां 1628 से 1658 तक |
- इसके बचपन का नाम खुर्रम यह जोधाबाईऔर जहांगीर का पुत्र था जहांगीर ने विजय के उपलक्ष्य में इसे शाहजहां की उपाधि प्रदान की थी 1612 में शाहजहां का विवाह आसिफ खान की पुत्री मुमताज से हुआ मुमताज का वास्तविक नाम अर्जुमंद बानो बेगम था सिजदा प्रथा को बंद करके चहार तस्लीम की प्रथा को प्रारंभ किया शाहजहां ने 1633 में अहमदनगर को मुगल साम्राज्य में शामिल कर लिया था 1648 में कंधार का प्रदेश अंतिम रूप से मुगलों के हाथ से निकल गया था
उत्तराधिकारी संघर्ष
- शाहजहां के जीवन काल में 1657- 58 में के पुत्रों में राजगद्दी प्राप्त करने के लिए उत्तराधिकारी संघर्ष हुआ
- उत्तराधिकारी के नियमों को अभाव
- शहजादों के विरोधी चरित्र
- शहजादों के स्वतंत्र साधन दारा पंजाब का गवर्नर था सुजा बंगाल का गवर्नर था औरंगजेब दक्षिण भारत का गवर्नर था
बहादुरपुर का युद्ध 14 फरवरी 1458
- दारा शिकोह और सुजा के मध्य इस युद्ध में शाही सेना का नेतृत्व मिर्जा जयसिंह और दाराशिकोह के पुत्र ने किया था इस युद्ध में सूजा की पराजय हुई
धरमत का युद्ध
- 15 अप्रैल 1658 दारा शिकोह और औरंगजेब के मध्य युद्ध में शाही सेना का नेतृत्व जसवंत सिंह और कासिम खान ने किया था इस युद्ध में दारा शिकोह की हार हुई
सामूगढ़ का युद्ध
- 29 जून 1659 दारा शिकोह और औरंगजेब इस युद्ध में नेतृत्व दारा शिकोह ने किया लेकिन दारा शिकोह को पराजित होकर भागना पड़ा
खजुआ युद्ध
- औरंगजेब और सूजा के मध्य युद्ध में सूजा मारा गया
दौराई का युद्ध
- मई 1659 औरंगजेब ने दारा शिकोह को हराकर मार दिया
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