dungarpur jile ke mele
Rajasthan Ke Mele in Hindi Part 10 |
- बैणेश्वर मेला - नवाटापुरा गांव बैणेश्वर (डूंगरपुर)
- गलियाकोट का उर्स - गलियाकोट (डूंगरपुर) मुहर्रम से 27वें दिन तक लगातार लगता है
- यह गलियाकोट का उर्स दाउदी बोहरा मुस्लिम सम्प्रदाय का उर्स है ।
- दाऊदी बोहरा सम्प्रदाय के संत फखरूद्दीन की पवित्र दरगाह के कारण गलियाकोट कस्बा विश्व प्रसिद्ध है
- देव सोमनाथ का मेला डूंगरपुर मे लगता है
- बोरेश्वर का मेला डूंगरपुर मे बैशाख पूर्णिमा को लगता है
- बीजवा माता का मेला डूंगरपुर मे लगता है
- हड़मतिया हनुमान का मेला डूंगरपुर कार्तिक पूर्णिमा को लगता है
- नीला पानी मेला डूंगरपुर कार्तिक पूर्णिमा को लगता है
बांसवाडा jile ke mele
- मानगढ़ धाम मेला बांसवाडा मार्गशीर्ष पूर्णिमा को लगता है
- त्रिपुरा सुन्दरी मेला तिलवाडा (बांसवाडा)
- घाडी-रणछोड़ जी का मेला मौटाग्राम (बांसवाडा)
- कल्ला जी का मेला गढाग्राम (बांसवाडा) आश्विन नवरात्रा के प्रथम रविवार को लगता है
- घोटिया आम्बा मेला बुड़वा ग्राम (बांसवाडा) चैत्र अमावस्या को
- चीच/छींछ माता का मेला - बांसवाडा
- गोपेश्वर मेला धाटोल (बांसवाडा)
- अंदेश्वर मेला बाड़मेर
प्रतापगढ़ jile ke mele
- गौतमेश्वर मेला आरनोद (प्रतापगढ़) वैशाख़ पूर्णिमा
- गौतमेश्वर नामक स्थल पर गौतम ऋषि ने तपस्या की थी ।
- आदिवासी इस मेले के अवसर पर अपने दिवंगत परिवारजनों की अस्थियों को विसर्जित करते है ।
- सीतामाता मेला प्रतापगढ - ज्येष्ठ अमावस्या
मातृकुण्डिया का मेला
- राश्मी पंचायत के हरनाथपुरा गाँव वैशाख पूर्णिमा
- यहां मेलार्थी भगवान शिव की प्रतिमा के दर्शन करने आते है । एक पुरानी धारणा के अनुसार भगवान परशुराम ने अपनी माता की हत्या के अपराध से मुक्ति हेतु मातृकुंण्डिया जलाशय में स्नान किया ।
- इस मेले में श्रृंद्धालु अपने स्वर्गवास परिजनों की अस्थिया विसर्जित करते है ।
- मातृकुंण्डिया नामक स्थल राशमी ग्राम के पास बहने वाली चन्द्रभागा नदी के किनारे स्थित है ।
- इस तीर्थ को 'राजस्थान का हरिद्वार' भी कहा जाता है । यहाँ प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला (हरिद्वार ki भांति) है
चित्तौड़गढ़ jile ke mele
- जलझूलनी एकादशी मेला - मण्डफिया (चित्तौड़गढ़) भाद्रपद शुक्ला एकादशी
- जौहर मेला चितौड़गढ दुर्ग (चितोड़गढ)चैत्र कृष्ण एकादशी
- सांवलिया जी मेला - मंडफिया (चितौड़गढ) भाद्र शुक्ल एकादशी
- राम-रावण मेला चितौड़गढ चैत्र शुक्ल दशमी
- बड़ी सादडी मेला चितौड़गढ
- मीरा महोत्सव - चितोड़गढ आश्विन पूर्णिमा
भीलवाडा jile ke mele
- फूल डोल मेला - शाहपुरा (भीलवाडा) चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से पंचमी तक
- देवनारायणजी का मेला आसीन्द (भीलवाडा)
- धनोप माता का मेला भीलवाडा चैत्र कृष्ण एकम से दशमी तक
- सवाई भोज मेला - आसीद ( भीलवाडा) भाद्र शुक्ल अष्टमी
- तिलस्वा महादेव मेला - मांडलगढ़ (भीलवाडा) फाल्गुन महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित किया जाता है
- घाटे रानी का मेला भीलवाडा
- जोगणियां माता का मेला भीलवाडा
- सोरत मेला मेनाल (भीलवाडा) फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी
कोटा jile ke mele
- दशहरा मेला कोटा आसोज शुक्ल पक्ष दशमी
- माधोसिंह के समय में कोटा का दशहरा मेला लगना प्रारंभ हुआ
- गेपरनाथ महादेव मेला - कोटा महाशिवरात्रि के अवसर पर
झालावाड jile ke mele
- श्रीगोमती सागर पशु मेला - झालरापाटन (झालावाड) वैशाख पूर्णिमा
- गोमती सागर मेला हाडोती अंचल का सबसे बड़ा पशू मेला है
- यह मेला मालवी नस्ल से सम्बन्धित है ।
- यह मेला गोमती नदी के किनारे भरता है ।
- चन्द्रभागा पशु मेला झालरापाटन (झालावाड) कार्तिक पूर्णिमा
- वसंत पंचमी मेला भवानीमंडी, अकलेरा (झालावाड)
- रामनवमी मेला झालावाड
- ब्रह्माजी मेला झालावाड
- राडी के बालाजी का मेला झालावाड
- मिट्ठेशाह का उर्स - गागरोन (झालावाड)
बारां jile ke mele
- डोल मेला -2 - कृष्णगढ़ (बारां) भाद्रपद शुक्ल एकादशी
- भाद्रपद शुक्ला एकादशी को लोक भाषा में डोल ग्यारस भी कहते हैं ।
- सीताबाडी का मेला केलवाड़ा (बारां)
- ब्राह्मणी माता का मेला सोरसन ग्राम (बारां) माघ शूक्ला
सप्तमी
- ब्रह्माणी माता का मेला हाडौती कस्बे का एकमात्र गधों का मेला है ।
- कपिल धारा का मेला - सहरिया (बारां) कार्तिक पूर्णिमा गूगोर माता का मेला - बारां
- मऊ का वसन्त पंचमी मेला बारां
- पिपलोद का क्रिसमस मेला अटरू ( बारां )
- यहाँ पर क्रिसमस पर्व पर 25 दिसम्बर को मेला भरता है
सवाई माधोपुर jile ke mele
- गणेश जी का मेला रणथम्भौर दुर्ग (सवाई माधोपुर ) भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी
- शिवाड का मेला - सवाईमाधोपुर फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी
- चौथ माता का मेला - चौथ का बरवाडा (सवाईमाधोपुर) माघ कृष्ण चतुर्थी
- कल्याण जी महाराज का मेला - सवाईमाधोपुर
- तेजाजी/हीराराम जी का मेला - सवाईमाधोपुर
- चमत्कार जी का मेला शिवाड़ (सवाई माधोपुर) अश्विन पूर्णिमा
- रामेश्वर घाट मेला - सवाई माधोपुर कार्तिक पूर्णिमा
करौली jile ke mele
- महावीर जी का मेला - श्री महावीर (करौली)
कैलादेवी का लक्खी मेला
- करौली चैत्र शुक्ल एकम से दशमी
- यह मार्च-अप्रेल में भरता है ।
- इस दिन लांगुरिया के गीत गाये जाते हैं ।
- कैलादेवी की आठ भुजाएं है एवं इसे सिंह पर सवारी करते हुए दर्शाया गया है ।
- लाखों भक्त मेले में आते है अत यह लक्खी मेला कहलाता है ।
महाशिवरात्रि पशु मेला
- करौली फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी
- हरियाणवी नस्ल के लिए प्रसिद्ध है ।
धौलपुर jile ke mele
- बाबू महाराज का मेला - बाडी (धौलपुर) भाद्र शुक्ल एकादशी
- तीर्थराज का मेला - मचकुण्ड ( धौलपुर ) भाद्रपद शुक्ल षष्ठी
- सैपऊ महादेव मेला - धौलपुर फाल्गुन व श्रावण मास की चतुर्थी
- मचकुण्ड का मेला- धौलपुर
- बारह भाईयों का मेला- धौलपुर
भरतपुर jile ke mele
- जसवन्त प्रदर्शनी मेला - भरतपुर आश्विन शुक्ल पंचमी से पूर्णिमा
- यह एक पशु मेला है ।
- यह मेला हरियाणवी नस्ल के लिए प्रसिद्ध है ।
- भोजन-थाली मेला - कामा (भरतपुर) भाद्रपद शुक्ल पंचमी
- बसन्ती पशु मेला-रूपवास (भरतपुर) माघ अमावस्या से माघ शुक्ल अष्टमी
- ब्रज यात्रा मेला - डीग (भरतपुर) माघ कृष्ण द्वादशी से माघ शुक्ल पंचमी
- गंगा दशहरा मेला- कामां (भरतपुर) ज्येष्ठ शुक्ल सप्तमी से द्वादशी
- गरुड़ मेला- बंसी पहाड़पुर (भरतपुर) कार्तिक शुक्ल तृतीया
- बजरंग पशु मेला -उज्जैन ( भरतपुर) आश्विन कृष्ण द्वितीया से अष्टमी
- हीराम बाबा का मेला - नगला जहाजपुर ( भरतपुर ) भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी व बैशाख चतुर्थी
- देव बाबा का मेला- नगला जहाज ( भरतपुर )
- ब्रज महोत्सव- भरतपुर
अलवर jile ke mele
- चन्द्रप्रभुजी का मेला- तीजारा ( अलवर) फाल्युन शुक्ल सप्तमी व श्रावण शुक्ल दशमी
- भर्तृहरि का मेला- भर्तृहरि ( अलवर ) भाद्रपद शुक्ल अष्टमी यहॉ भर्तृहरि बाबा का समाधि स्थल है ।
- लालदास जी का मेला - अलवर
- पाण्डुपोल हनुमान मेला- अलवर भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी-पंचमी
- बहरोड पशु मेला- अलवर
- मुर्रा नस्ल कै लिए प्रसिद्ध है ।
- धौलागढ़ देवी का मेला- बहुतूकला ( अलवर) वैशाख सुदी 1 से 15 तक
- जगन्नाथ जी का मेला- रूपवास ( अलवर) आषाढ़ सुदी 8 से 13 तक ।
- नारायणी माता का मेला- सरिस्का ( अलवर) बैशाख शुक्ल एकादशी
- बिलारी माता का मेला- अलवर
- चूहड़ सिद्ध मेला- अलवर महाशिवरात्रि
- गिरधारी मेला- बानसूर ( अलवर) चैत्र शुक्ल द्वादशी
- बिलारी माता का मेला- अलवर चैत्र कृष्ण अष्टमी
- मत्स्य महोत्सव - अलवर
जयपुर jile ke mele
- बाड़ा-पदमपुरा जैन का मेला - बाडा पदमपुरा (जयपुर) यह जैनियों का प्रसिद्ध मेला है ।
- गधों का मेला- लूणियावास (जयपुर)
- तीज का मेला - जयपुर श्रावण शुक्ल तीज
- पौराणिक कथाओं के अनुसार पार्वती ने भगवान शिव जैसा पति पाने के लिए वर्षों तपस्या की थी । अत: इस दिन कुवारियां पार्वती का पूजन कर शिव जैसा पति पाने की प्रार्थना करती है ।
शीतला माता का मेला
- शीतला अष्टमी के दिन ठण्डा भोजन खाया जाता है, इसे बासीड़ा/बांस्यीड़ा कहा जाता है ।
- शीला माता का मेला- जयपुर
- शीतला माता का मेला- चाकसू (जयपुर) शीतला अष्टमी (चैत्र कृष्ण8)
- शीतला माता के मन्दिर का पुजारी कुम्हार जाति का होता है । राजस्थान में सेढ़ल माता और शीतला एक ही है
- बाणगंगा मेला - विराटनगर/ बैराठ (जयपुर) वैशाख पूर्णिमा
- ख़लकानी माता का मेला- जयपुर .
- श्री जगदीश महाराज का मेला- गोनेर (जयपुर)
- वर्ष में दो बार लगता है ।
- यह हिन्दुओं का लोक मेला है ।
- दादू जी का मेला- नारायणा (जयपुर) फाल्गुन शुक्ल अष्टमी
- गणगौर का मेला- जयपुर व उदयपुर श्रावण शुक्ल तृतीया
- हाथी महोत्सव- जयपुर
- ग्रीष्म महोत्सव- जयपुर
- तीज महोत्सव जयपुर
- पतंग महोत्सव जयपुर
- बसन्त पंचमी मेला अंकलेरा एवं भवानी मंडी (जयपुर)
सीकर jile ke mele
- जीणमाता का मेला रेवासा (सीकर) चैत्र तथा आश्विन माह
- जीणमाता के मन्दिर में अष्ट भुजा की मूर्ति है । जीणमाता के मन्दिर का निर्माण 1064 ई. में मोहित के हठड़ द्वारा करवाया गया ।
- श्री खादू श्याम जी का मेला खाटूश्यामजी (सीकर) फाल्गुन शुक्ल एकादशी से द्वादशी
- ख्वाजा नजमुद्दीनशाह का उर्स फतेहपुर (सीकर)
- हर्षनाथ का मेला सीकर
- शाकम्भरी माता का मेला सीकर चैत्र व आश्विन नवरात्रों को
- मामादेव का मेला स्यालोदड़ा गाँव (सीकर)
- बाबा झुंझार जी का मेला स्यालोदड़ा गाँव (सीकर)
झुंझुनूं jile ke mele
- शक्कर बाबा का मेला नरहड़ (झुंझुनूं) जन्माष्टमी
- यहा पर इन्हें वागड का धनी के उपनाम से भी जाना जाता है ।
- हजारत हाफिज शक्कर बाबा शाह की प्राचीन दरगाह है ।
- इस दरगाह में जाल का वृक्ष है, जिस पर जायरीन अपनी मन्नतों के डोरे टांग देते है और उनकी मन्नतें पूरी हो जाती है ।
- रानी सती का मेला झुंझुनूं भाद्रपद अमावस्या
- मार्च 1988 में भारत सरकार द्वारा सती (निवारण) अधिनियम पारित कर देने के पश्चात इस मेले पर भी रोक लगा दी गई
- लोहार्गल मेला लोहार्गल (झुंझुनूं) भाद्र कृष्ण नवमी से अमावस्या तथा चैत्र की सोमवती अमावस्य तक
- शाकम्भरी माता का मेला- उदयपुरवाटी (झुंझुनूं) चैत्र, आश्विन नवरात्रों में
चूरू jile ke mele
- साहवा सिक्ख मेला- साहवा (चूरू) कार्तिक पूर्णिमा साण्डन कालका माता का मेला- चूरू
- सालासर हनुमान जी का मेला- सालासर (चूरू ) चैत्र पूर्णिमा किवंदति के अनुसार सालासर के पास गाँव में हनुमान जी की मूर्ति स्वत: प्रादर्भूत हुई थी । इसे एक महात्मा ने सालासर में प्रतिष्ठित किया था।
हनुमानगढjile ke mele
- गोगामेड़ी मेला- गोगामेड़ी (हनुमानगढ) गोगानवमीं (भाद्रपद कृष्ण नवमी)
- भद्रकाली का मेला- हनुमानगढ चैत्र शुक्ल अष्टमी व नवमी
- शिला माता का मेला- हनुमानगढ प्रत्येक शुक्रवार ब्रहमाणी माता का मेला- पल्लू (हनुमानगढ़) चैत्र शुक्ल अष्टमी
नागौर jile ke mele
- रामदेव पशु मेला - मानासर (नागैर) माघ शीर्ष शुक्ल प्रतिपदा से पूर्णिमा
- बलदेव पशु मेला- मेड़ता सिटी (नागौर) चैत्र शुक्ल 1 से चैत्र शुक्ल पूर्णिमा
- वीर तेजाजी का पशु मेला परवतसर (नागौर) भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दशमी से पूर्णिमा
- हमीदुद्दीन नागौरी का उर्स नागौर
- दधिमाता मेला गोठ मांगलोद (नागोर) चैत्र व आश्विन नवरात्र में
- चारभुजा नाथ (मीरां बाई) का मेला नागौर श्रावण शुक्ल एकादशी से सात दिन
- हरीराम बाबा का मेला नागौर
- तारकीन का उर्स नागोर
जोधपुर jile ke mele
- धींगागवर बेंतमार मेला जोधपुर बैशाख कृष्ण तृतीया
- चामुण्डा माता का मेला जोधपुर आश्विन शुक्ल नवमी
- वीरपुरी का मेला मण्डोर (जोधपुर) श्रावण के अंतिम सोमवार
- खेजड़ली मेला खेजड़ली (जोधपुर) भाद्र शुक्ल पक्ष दशमी
- नागपंचमी मेला मण्डोर (जोधपुर) भाद्र कृष्ण पंचमी संचिया माता का मेला जोधपुर
- घूडला मेला जोधपुर चैत्र शुक्ल तृतीया
- 33 करोड देवी-देवताओं का मेला जोधपुर
- पाबूजी का मेला जोधपुर आई माता का मेला जोधपुर
- मसुरिया मेला जोधपुर
- राता-भाकर मेला जोधपुर
- कोलूमण्ड का मेला जोधपुर
- मारवाड़ महोत्सव -जोधपुर
पाली jile ke mele
- चोटिला पीर दुलेशाह का मेला केरला (पाली) कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा व द्वितीया
- दीवाली के दूसरे दिन भरता है ।
- सालेश्वर महादेव मेला गुढा प्रतापसिंह (पाली)
- परशुराम महादेव मेला देसूरी (पाली) श्रावण शूक्ल षष्ठी व सप्तमी
- खेतलाजी मेला पाली
- बरकाना का मेला पाली पोष सुदी 10
- जैन धर्मावलम्बियों का मेला है ।
- गोरिया गणगौर मेला गोरिया (बाली तहसील) फाली वैशाख शुक्ला सप्तमी
- सौनाण खेतला का मेला - सारंगवास (पाली) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
- पश्चिमी राजस्थान के पाँच/ छःजिलो से आने वाले नर्तक दलों का प्रदर्शन इसका मुख्य आकर्षण है
- निम्बो का नाथ मेला फालना सांडेराव (पाली) बैशाख पूर्णिमा व शिवरात्रि
- परशुराम महादेव मेला देसूरी क्षेत्र (पाली)
- मल्लू का मेला पाली
- बाली का मेला पाली
- रणकपुर का मेला पाली फाल्गुन शुक्ल चतुर्थ से पंचमी
राजसमंद jile ke mele
- चार भुजा का मेला राजसमन्द : भाद्रपद शुक्ल एकादशी
- जन्माष्टमी मेला नाथद्वारा (राजसमंद) : भाद्र कृष्ण अष्टमी
- प्रताप जयंती / हल्दीघाटी मेला हल्दीघाटी (राजसमन्द) ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया
- देवझूलनी मेला चारभुजा ( राजसमन्द ) भाद्र शुक्ल एकादशी
- अन्नकूट मेला महोत्सव नाथद्वारा (राजसमन्द) : कार्तिक शूक्ल एकम्
अजमेर jile ke mele
- पुष्कर मेला पुष्कर (अजमेर) कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा
- मेरवाड़ा का सबसे बडा मेला है ।
- राजस्थान का सबसे रंगीन मेला है ।
- पुष्कर में दीपदान की परम्परा पुराने समय से चली आ रही है ।
- ख्वाजा साहब का उर्स अजमेर रज्जबी मास की 1से 6 तारीख
- मुस्लिमों का सबसे बडा मेला है ।
- ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में भरता है ।
- बादशाह का मेला ब्यावर (अजमेर)
- कल्पवृक्ष मेला मांगलियावास (अजमेर) हरियाली/श्रावण अमावस्या
- पंजाब शाह का उर्स अजमेर
- माल्या काल्या का मेला अजमेर
- कौड़ामार होली अजमेर
- तेजाजी का मेला ब्यावर, दोराई, कैवडी, टाटगढ़ (अजमेर) भाद्र शुक्ल दशमी
- अतेड मेला अजमेर
टोंक jile ke mele
- माकड भी का मेला- आमेर आषाढ शुक्ल द्वितीया कल्याजी का मेला टोंक
- डिमीपुरी का राजा मेला टोंक
दौसा jile ke mele
- बीजासणी माता का मेला लालसोट (दौसा) चैत्र पूर्णिमा
- श्रीरामपुरा मेला बसवा (दौसा) भाद्र कृष्ण अष्टमी मेहन्दीपूर बालाजी का मेला दौसा चैत्र पूर्णिमा
- आभानेरी उत्सव दौसा
बुंदी jile ke mele
- मनसा माता का मेला इन्द्रगढ़ चैत्र शुक्ल अष्टमी व आश्विन शुक्ल अष्टमी
- दहेलबाल जी महाराज पशु ममेला बूंदी
- नैनवा पशु मेला बूंदी
- आलोद तेजाजी का मेला बुंदी
- बिजासण माता का मेला इंद्रगढ़ (बूंदी) चैत्र आश्विन नवरात्रों में बैशाख पूर्णिमा
- कजली तीज महोत्सव बूंदी भाद्र कृष्ण तृतीया
- कार्तिक मेला बूंदी
1 Comments
Thanks for this valuable content ��
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