1857 की क्रांति के समय गवर्नर जनरल लॉर्ड कैनिंग था 1857 की क्रांति की निर्धारित तिथि 31 मई थी
नोट :- बेगम हजरत महल को महक परी और लक्ष्मीबाई को महल परी कहा जाता है
1857 ki kranti history in hindi
1857 ki kranti ke notes in hindi |
- इस क्रांति का प्रारंभ 10 मई मेरठ की छावनी से 20 वीं बटालियन द्वारा किया गया था
- क्रांति का तत्कालीन कारण चर्बी वाले कारतूसों के प्रकरण को माना जाता है
- चर्बीयुक्त कारतूसों के प्रयोग से सर्वप्रथम इंकार बैरकपुर छावनी के 34 वी बटालियन के सैनिक मंगल पांडे ने किया 29 मार्च 1857 को मंगल पांडे ने आदेश देने वाले अधिकारियों को गोली से मार दिया परिणाम स्वरुप 8 अप्रैल 1857 को मंगल पांडे को फांसी दे दी गई
- 12 मई को क्रांतिकारियों ने दिल्ली पर अधिकार कर लिया और बहादुर शाह जफर को क्रांति का नेता घोषित कर दिया बहादुर शाह जफर का सेनापति जनरल बख्त खान था
विद्रोह स्थल - नेतृत्व करता - समय - दमन करता
- दिल्ली - बहादुर शाह जफर - 12 मई 1857 - निकलसन हडसन
- कानपुर - नाना साहब - 5 जून 1857 - कॉलिन कैंपबेल
- लखनऊ - बेगम हजरत महल - 4 जून 1857 - कॉलिंग कैंपबेल, आउटड्रम
- जगदीशपुर - कंवर सिंह - 12 जून 1857 - विलियम ट्रेलर
- झांसी - लक्ष्मी बाई ,तांत्या टोपे - 4 जून 1857 - जनरल ह्यूरोज
- फैजाबाद - मोहम्मद अहमदुल्ला - जून 1857 - जनरल रेनॉल्ट
- बरेली - खान बहादुर खान - जून 1857 - कैंपबेल
- इलाहाबाद - लियाकत अली - 6 जून 1857 - जनरल नील
नोट :- बेगम हजरत महल को महक परी और लक्ष्मीबाई को महल परी कहा जाता है
- रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु पर जनरल ह्यूरोज ने कहा था कि इन सोई हुई क्रांतिकारियों में यह औरत अकेली मर्द है सेनापति हडसन ने 20 सितंबर 1857 को बहादुर शाह जफर को हिमायू के मकबरे से गिरफ्तार किया तथा उन्हें रंगून भेज दिया गया जहां 1862 में उनकी मृत्यु हुई अंग्रेजों का दिल्ली पर पुनः नियंत्रण 20 सितंबर 1857 को हो गया
1857 की क्रांति का स्वरूप
- सैनिक विद्रोह - जॉन सिले और लॉरेंस ने इस विद्रोह को सैनिक विद्रोह कहा
- T R होम ने इसे सभ्यता और बर्बरता का संघर्ष कहा
- जेम्स आउट ने इसे हिंदू मुस्लिम षड्यंत्र कहा
- सावरकर ने इसे भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा
1857 की क्रांति के परिणाम
- ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त और ब्रिटिश ताज का शासन शुरू हुआ नियंत्रण मंडल व संचालन मंडल को समाप्त कर दिया गया और उनके स्थान पर इंग्लैंड में भारत सचिव नियुक्त किया गया और भारत सचिव की सहायता के लिए 15 सदस्य भारत परिषद की स्थापना की गई 1858 में गवर्नर जनरल को वायसराय की पदवी दी गई लार्ड केनिंग भारत के प्रथम वायसराय बने पील कमीशन आधार पर सेना का पुनर्गठन किया गया फूट डालो और राज करो की नीति प्रारंभ की गई 1857 की क्रांति के बाद शासन ब्रिटिश क्राउन के अधीन हो गया
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Book Name : 1857 ki kranti ke notes in hindi
Publication : www.rajgk.in
format : PDF
Language : Hindi
Size : 2 MB
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