Rajasthan ke Lok Nritya - Part 5
कालबेलियों के नृत्य
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Rajasthan ke Lok Nritya |
इंडोणी नृत्य
- इंडोणी नृत्य स्त्री-पुरुष दोनों मिलकर करते है ।
- यह नृत्य गोलाकार पथ पर पुंगी, खंजरी वाद्य यंत्र के साथ किया जाता है ।
- इंडोणी घडे व सिर के बीच रखी जाने वाली एक गोलाकार वस्तु होती है ।
- इंडोणी नृत्य में औरतो की पोशाकें बडी कलात्मक होती हैं तथा इनके वदन पर मणियों की सजावट रहती है ।
पणिहारी नृत्य
- पणिहारी नृत्य पणिहारी गीत पर आधारित एक युगल नृत्य है ।
- इस नृत्य के प्रमुख वाद्य ढोलक, बाँसुरी है ।
- इसमें पनिहारिन स्त्रियाँ अपने सिर पर 5-7 मटके रखकर नृत्य करती है ।
शंकरिया नृत्य
- यह प्रेम कथा पर आधारित स्त्री-पुरुषों का नृत्य है ।
- इस नृत्य में अंग संचालन बहुत सुन्दर होता है ।
- इस नृत्य की प्रमुख नृत्यांगना कंचन, सपेरा, गुलाबो, कमली एवं राजकी है ।
बांगडिया नृत्य
- कालबेलिया महिलाओ द्वारा यह नृत्य भीख माँगते समय किया जाता है ।
- बागडिया नृत्य में मुख्य वाद्य यंत्र चंग होता है ।
- गुलाबों कालबेलिया नृत्य की अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार है ।
सहरिया जाति के नृत्य
झेला नृत्य
- झेला नृत्य शाहबाद (बाराँ) की सहरिया जनजाति की स्त्री व पुरुषों (युगल जोडी) द्वारा सम्मिलित रूप से खेतों पर फसल की पकाई के समय किया जाता है ।
लहंगी नृत्य
- सहरिया जनजाति के द्वारा किया जाने वाला नृत्य ।
सांग नृत्य
- सहरिया जनजाति का सांग नृत्य एक युगल नृत्य है, जिसमें स्त्री-पुरुष दोनों सम्मिलित रूप से नृत्य करते है ।
बिछवा नृत्य
- बिछवा नृत्य सहरिया जनजाति की केवल स्त्रियों का नृत्य हैं, जो महिलाओ द्वारा समूह में किया जाता है ।
इंद्रपरी नृत्य
- इंद्रपरी नृत्य सहरिया जनजाति का नृत्य है जिसमें रागिनी गीत गाया जाता है ।
- इस नृत्य का आयोजन विवाह के अवसर पर किया जाता है ।
शिकारी नृत्य
- इस नृत्य में पुरुष शिकार काने का नाटक करते हैं तथा शिकार हो जाने पर शिकार के चारों और नृत्य करते हैं अत: यह नृत्य नाटिका है ।
बणजारा जाति के नृत्य
मछली नृत्य
- मछली नृत्य एक नृत्य नाटक एवं धार्मिक नृत्य है जो हर्षोल्लास से शुरू होता है, लेकिन दुःख के साथ समाप्त होता है ।
- यह नृत्य बाडमेर का प्रसिद्ध है, क्योंकि सर्वाधिक बणजारा जाति बाडमेर में रहती है ।
कंजर जाति के नृत्य
चकरी मृत्य
- कंजर युवतियों द्वारा किया जाने वाला चक्राकार नृत्य है ।
- इस नृत्य में प्रमुख वाद्य ढ़प (ढोलका) , मंजीरा, नगाड़ा है । चकरी नृत्य हडौती अंचल का प्रसिद्ध नृत्य है ।
- चकरी नृत्य में महिलाएं अपने प्रियतम से श्रृंगार की वस्तु लाने के लिए कहती है ।
- चकरी नृत्य की प्रमुख कलाकार शांति, फुलवा तथा फिलमा बाई है ।
- इस नृत्य में मुख्यत: अविवाहित युवतियाँ ही भाग लेती है ।
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