चित्तौड़गढ़ दुर्ग का परिचय
चित्तौड़गढ़ दुर्ग इस
दुर्ग का निर्माण 7वीं शताब्दी में चित्रांगद मौर्य के द्वारा करवाया गया । चित्तौड़गढ़ दुर्ग राज्य का सबसे प्राचीनतम दुर्ग है । इस दुर्ग को चित्रकूट नामक पहाडी पर बनाया गया है । यह राज्य का दक्षिणी-पूर्वी द्वार है । इस के बारे में कहा जाता है कि
"गढ तो चित्तौड़गढ़ बाकी सब गढैया ।"
चित्तौड़गढ़ दुर्ग का इतिहास - Chittorgarh Fort History in Hindi
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चित्तौड़गढ़ दुर्ग का इतिहास |
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग में तीन साकै1303, 1534, 1567-68 में हुए हैं ।
- जयमल की हवेली चित्तौड़गढ़ दुर्ग में है इस हवेली का निर्माण महाराजा उदयसिंह के काल में हुआ ।
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग के प्रथम दरवाजे का नाम पाण्डुपोल, दूसरा द्वार भैरवपोल, तीसरा द्वार गणेशपोल चौथा द्वार लक्ष्मणपोल, पाँचवा द्वार जोड़न पोल, छठा द्वार त्रिपोलिया तथा सातवां द्वार रामपोल है ।
- भैरव पोल के पास ही वीर कल्ला राठौड़ की छतरी स्थित है
- इस दुर्ग में विष्णु के वराह अवतार का कुम्भश्याम मंदिर है इसका निर्माण महाराणा कुम्भा ने किया है ।
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग मे विजय स्तम्भ, कुम्भ स्वामी मंदिर, कुम्भा के महल, श्रृंगार चंवरी का मंदिर, चार दिवारी सात द्वार का निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया ।
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विजय स्तम्भ का ऐतिहासिक महत्व |
- इस दुर्ग में नौ खण्डों वाला विजय स्तम्भ है । इसकी ऊंचाई 12० फीट है।
- विजय स्तम्भ का निर्माण महाराणा कुम्भा ने मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी पर विजय के उपलक्ष्य मे करवाया ।
- इस स्तम्भ का वास्तुकार जैता था।
- विजय स्तम्भ को हिन्दू देवी-देवताओं का अजायबघर कहा जाता है ।
- इस दुर्ग को प्राचीन किलों का सिरमौर कहा जाता है ।
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग गंभीरी और बेड़च नदियों के संगम पर स्थित है ।
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग में सात मंजिला जैन कीर्ति स्तम्भ है
- माना जाता है कि इसका निर्माण बघेरवाल जैन जीजा द्वारा करवाया गया है ।
- चित्तौड़ दुर्ग को समुद्र तल से ऊँचाई लगभग 1850 फीट है ।
- चित्तौढ़ दुर्ग की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले जयमल और फत्ता की वीरता से प्रसन्न होकर अकबर ने आगरा के किले के प्रवेश द्वार पर इनकी हाथी पर सवार संगमरमर की प्रतिमाए स्थापित करवाई ।
- इस दुर्ग का सबसे बडा आकर्षण राणा रत्नसिह की रानी पद्मिनी का महल है ।
- इस दुर्ग में प्रमुख जल स्त्रोत भीमलत कुंड, रामकुंड व चित्रांगद मोरी तालाब है ।
चित्तौड़गढ़ दुर्ग के बारे में अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- यह दुर्ग सबसे बडा लिविंग फोर्ट है ।
- इस दुर्ग के प्रमुख मंदिर कुम्भ श्यामा, मीरां, श्रृंगार चंवरी, नीलकंठ व कालिका माता का है ।
- गुहिलों ने नागदा के विनाश के बाद इसे अपनी राजधानी भी बनाया था
- इस दुर्ग में कृषि की जाती है ।
- यह राज्य का सबसे बडा दुर्ग है ।
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग के उत्तरी दिशा में स्थित खिडकी को लाखोटा की बारी के नाम से जाना जाता है ।
- इस दुर्ग में लघु दुर्ग के रूप में नौ कोटा मकान या नवलखा भंडार बना है, जिसका निर्माण राणा बनवीर ने करवाया था ।
- चित्तौड़ दुर्ग में एक जल यंत्र (अरहट) स्थित है ।
- माना जाता है कि भीम ने महाभारत काल में अपने घुटने के बल से यहाँ पानी निकाला था
6 Comments
https://rajtotalgk.blogspot.com/2019/04/CHITTAURGARH-FORT.html
ReplyDeletehttps://rajtotalgk.blogspot.com/2019/04/CHITTAURGARH-FORT.html
ReplyDeleteChittorgarh fort ka Nirman 7 mi ya 8 kiyagaya she kya h
ReplyDeleteबहुत अच्छा sir ji, thankyou
ReplyDeleteSuch an amazing post on Chittorgarh Fort . I am from Rajasthan and this post added much information to my existing bucket of knowledge about heritage of Rajasthan. Great Work. Keep It Up.
ReplyDeleteThank you sir ji
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