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Rpsc Rajasthan GK (Raj GK ) याद करने का सबसे आसान तरीका है इस पोस्ट से आप लोक देवता तेजाजी का इतिहास | Lok Devta Tejaji Maharaj veer tejaji temple kharnal tejaji ka mela kaha lagta hai वीर तेजाजी महाराज का मंदिर तेजाजी महाराज की जीवनी को Step by Step आसानी से पढ़कर याद कर सकते हैं
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लोक देवता तेजाजी का इतिहास | Lok Devta Tejaji Maharaj |
लोक देवता तेजाजी का इतिहास - Lok Devta Tejaji Maharaj
- तेजाजी का जन्म (tejaji janam) नागवंशीय जाट के धौल्यागौत्र के ताहड़ परिवार में सन् 1074 ई० में नागोर जिले के ख़ड़नाल (वर्तमान ख़रनाल्य) गांव में माघ शुक्ला चतुर्दशी के दिन हुआ ।
- तेजाजी की माता का नाम राजकुंवरी व पिता ताहड़जी था ।
- इनका विवाह पनेर /पनेहर गाँव (अजमेर जिले मे) रामचन्द्र जाट की पुत्री पेमल के साथ हुआ था ।
- मारवाड़ के जाट इतिहास के अनुसार तेजाजी का गोत्र धौल्या है ।
- तेजाजी की घोडी का नाम लीलण (सिणगारी) था । तेजाजी नागवंशीय जाट थे ।
तेजाजी पशु मेले का आयोजन
- इनकी याद में परबतसर (नागौर) में प्रत्येक -वर्ष भाद्र शुक्ल पक्ष की दशवीं को पशु मेले का आयोजन किया जाता है ।
- सांप के ज़हर के तोड़ के रूप में गौ मूत्र और गोबर की राख के प्रयोग की शुरूआत सबसे पहले तेजाजी ने की थी ।
- लोक देवता तेजाजी का गौ रक्षा के लिए हुआ मार्मिक बलिदान उनको लोकदेवता की श्रेणी में ले आया ।
- अजमेर जिले के हर गाँव में तेजाजी का थान बना हुआ है ।
- गाँव का चबूतरा ' तेजाजी का थान ' कहलाता है ।
- तेजाजी के पुजारी को घुड़ला कहा जाता है ।
- पुरानी मान्यता के अनुसार भोपे में तेजाजी की आत्मा आ जाती हैं और वह जहर चूसकर सर्प दंश से पीडित व्यक्ति को ठीक कर देता है,
- इसलिए भोपे को तेजाजी का घोड़ला भी कहा जाता है ।
- लाछा गूजरी (हरा गुज़री) तेजाजी की पत्नी की सहेली थी
- जिसकी गायों को मेर के मीणाओं से मुक्त कराने हेतु तेजाजी ने अपने जीवन को दांव पर लगा दिया ।
- सर्प व कुत्ते काटे प्राणी के स्वस्थ होने हेतु इनकी पूजा की जाती है ।
- तेजाजी की कर्मस्थली तथा प्रमुख तीर्थस्थल बूंदी का बासी दुगारी क्षेत्र है ।
- इनकी मृत्यु के पश्चात् उनकी पत्नी पैमलदे सती हुईं थी ।
- तेजाजी की मृत्यु का समाचार उनकी घोडी लीलण द्वारा उनके घर पहुंचाया गया ।
- तेजाजी की अजमेर जिले के ब्यावर कस्बे से 10 किमी. दूर सैंदरिया गाव मे सर्प ने डसा तो सुरसूरा (किशनगढ-अजमेर) में उनकी मृत्यु हुई ।
- भांवता (अजमेर) में स्थित तेजाजी के मंदिर में सर्पदंश से पीडित व्यक्ति की गोमूत्र से निःशुल्क चिकित्सा की जाती है ।
तेजाजी के बारे में अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- तेजाजी अजमेर जिले के सर्वप्रमुख इष्ट देवता है तो उनकी कर्मस्थली दुगारी गांव (बूंदी) है ।
- वीर तेजाजी को ' काला और बाला ' का देवता / साँपों का देवता / धोलियावीर / गायों का मुक्तिदाता तथा कृषि कार्यों का उपकारक देवता कहा जाता है
- तेजाजी को तलवार धारी अश्वारोही योद्धा के रूप में चित्रित किया जाता है,
- इनकी जीह्वा को सर्प द्वारा डसते हुए प्रदर्शित किया जाता है ।
- राज्य में किसान हल चलाने से पूर्व तेजाजी का स्मरण करते है
- तेजाजी को लेकर रचे गये लोक साहित्य को तेजा टेर/तेजा गीत' कहा जाता है ।
- तेजाजी पर 2011 में पांच रूपये की डाक-टिकट जारी की गई ।
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1 Comments
Ohhh
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