यह Rpsc Rajasthan GK (Raj GK ) याद करने का सबसे आसान तरीका है इस पोस्ट से आप राजस्थान के लोक देवता मल्लिनाथ जी (Lok Devta Mallinath ji) को Step by Step आसानी से पढ़कर याद कर सकते हैं
लोक देवता मल्लिनाथ जी - Lok Devta Mallinath ji
Lok Devta Mallinath ji |
- मल्लीनाथ जी का जन्म मारवाड़ के रावल सलखाँ तीड़ाजी (पिता जी) और जीणन्दे (माता का नाम) के ज्येष्ठ पुत्र के रूप में 1358 ई. में हुआ था ।
- मल्लीनाथ जी निर्गुण निराकार ईश्वर को मानते थे ।
- इनकी पत्नी का नाम रूपादे था ।
- मल्लीनाथ जी के गुरु का नाम डगमसी भाटी था ।
- तिलवाड़ा (बाडमेर) में मल्लीनाथ जी का प्रसिद्ध मंदिर है ।
- यहाँ हर वर्ष चैत्र कृष्णा एकादशी से पन्द्रह दिन तक मैला भरता है ।
- राज्य का सबसे प्राचीनतम पशु मेला तल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा (बाडमेर) में लगता है ।
- मल्लीनाथ जी के ताऊ ' कान्हड़दे ‘ (मारवाड़ शासक) थे ।
- मल्लीनाथ जी ने अपने भतीजे राव चूड़ा की मंडोर व नागौर जीतने में मदद की ।
- मल्लीनाथजी को सिद्भपुरुष, चमत्कारिक योद्धा के उपनामों से तथा लोक मानस में इन्हें 'त्राता' (रक्षक) के रूप में जाना जाता है ।
- बाडमेर जिले के 'मालावी' क्षेत्र का नाम इन्हीं के नाम पर पडा ।
- 1378 में मालवा के सूबेदार निजामुद्दीन की सेना को मल्लिनाथ जी ने पराजित किया था ।
- मल्लीनाथ जी ने कूडा पंथ की स्थापना की ।
- भगवान श्री मल्लिनाथ जी ने हमेशा सत्य और अहिंसा का अनुसरण किया और अनुयायियों को भी इसी राह पर चलने का सन्देश दिया। फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को 500 साधुओं के संग इन्होनें सम्मेद शिखर पर निर्वाण (मोक्ष) को प्राप्त किया था।
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