नमस्कार दोस्तों Raj GK में आपका स्वागत है आज हम rajasthan ki jal vidyut pariyojana, राजस्थान की तापीय परियोजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी आपके लिए लेकर आए हैं यह पोस्ट Rajasthan GK से संबंधित है राजस्थान के विद्युत परियोजना का उल्लेख इस में किया गया है
Rajasthan ki Vidyut Pariyojana |
राजस्थान की तापीय परियोजनाए Rajasthan ki Jal Vidyut Pariyojana
ऐसे बनती है कोयले से बिजली सर्वप्रथम कोयले को कोल मिल में पीसकर इसका चूरा बनाया जाता है और तब बॉयलर युक्त फर्नेस में जलाया जाता है। फर्नेस की ऊष्मा बॉयलर के पानी को भाप में बदल देती है और तब इसका प्रयोग टरबाइन चलाने के लिए किया जाता है। ये टरबाइनें जेनेरेटरों को घुमाती है और बिजली पैदा करती है।सूरतगढ़ सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन श्रीगंगानगर
- यह राज्य का पहला थर्मल पॉवर स्टेशन है ।
- यह श्रीगंगानगर जिले में सूरतगढ़ के ठूकराणा गांव में स्थापित किया गया है ।
- इससे राजस्थान को सर्वाधिक विद्युत प्राप्त होती है ।
- वर्तमान में इसमें 6 इकाईयाँ कार्यरत है । जिनसे राज्य को 1500 मेगावाट विद्युत की प्राति होती है ।
- इसकी 7 वी व 8 वी इकाई का लोकार्पण 2013 में सोनिया गांधी के द्वारा किया गया ।
- जहां पर 500 मेगावाट बिजली बनती है उसके नाम के आगे क्रिटिकल लगाते है ।
- सूरतगढ़ सुपर थर्मल पाँवर संयंत्र को राजस्थान का आधुनिक तीर्थ स्थल के उपनाम से भी जाना जाता है ।
गुढा थर्मल पाॅवर प्रोजेक्ट बीकानेर
- यह निजी क्षेत्र की प्रथम लिग्नाइट आधारित विद्युत परियोजना है
- यहा आन्ध्रप्रदेश की मरूधरा कम्पनी द्वारा प्रोजेक्ट लगाया गया है
बरसिंहसर थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट बीकानेर
- इस परियोजना के प्रथम इकाई का लोकार्पण 5 जून 2010 में किया गया ।
- यह लिग्नाईट आधारित परियोजना है ।
गिरल ताप विद्युत परियोजना - बाड़मेर
- यह राज्य का पहला लिग्नाइट आधारित विद्युत गृह है ।
- इसकी स्थापना जर्मनी के सहयोग से की गई ।
- इस परियोजना की शुरूआत 2007 में वसुंधरा राजे सिंधिया के द्वारा उदघाटन करके की गई ।
कोटा सुपर थर्मल पॉवर परियोजना - कोटा
- यह राज्य का दूसरा सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन है ।
- इसकी स्थापना 1978 में चंबल नदी पर बने कोटा बैराज पर की गई ।
- वर्तमान में इसमें 7 इकाइयां कार्यरत है । जिनसे राजस्थान 1240 मेगावाट विद्युत प्राप्त होती है ।
छबडा थर्मल पावर प्रोजेक्ट-बाराँ
- इसके प्रथम चरण का प्रारंभ 8 दिसम्बर, 2005 को वसुंधरा राजे सिन्धिया के द्वारा बारां जिले के छबडा तहसील के कातीपुरा गांव में किया गया ।
- यह राज्य का तीसरा सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन है ।राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के छबड़ा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट और छबड़ा सुपर क्रिटिकल थर्मल तापीय विद्युत गृह की बिजली उत्पादन क्षमता 2320 मेगावाट हो गई है।
- इससे यह प्रदेश में सर्वाधिक बिजली उत्पादन की इकाई बन गई है। पिछले 28 जुलाई को 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल छठी इकाई को सिंक्रोनाइज करने पर छबड़ा थर्मल को यह उपलब्धि हासिल हो गई। आगामी चार महीनों में इससे व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो जाएगा।
भादेसर लिग्नाईट सुपर पॉवर प्रोजेक्ट-बाडमेर
- राज्य की प्रथम ऊर्जा उत्पादन कम्पनी बाड़मेर लिग्नाइट माइनिंग कम्पनी लिमिटेड द्वारा भादेसर में 1000 मेगावाट लिग्नाइट आधारित सुपर पॉवर प्लांट लगाया जाएगा ।
- इसका शिलान्यास 28 फरवरी, 2007 में वसुन्थरा राजे के द्वारा किया गया ।
कपुरडी जालिपा विद्युत परियोजना-बाडमेर
- कपुरडी में 500 मेगावाट व जालीपा में 1000 मेगावाट लिग्नाइट आधारित इकाई लगायी जाएगी ।
- यह ताप विद्युत संयंत्र निजी विकासको द्वारा स्थापित किया गया है ।
कालीसिंध ताप विद्युत परियोजना-झालावाड
- कालीसिंध नदी पर वने कालीसिंध बाँध से इसे जल की आपूर्ति की जाएगी ।
- इस परियोजना को छत्तीसगढ़ ब्लॉक से कोयले की आपूर्ति की जाएंगी
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Sandar
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